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Masood Azhar’s Family Killed: ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी मजूद अजहर के परिवार में मातम, बहन-बहनोई और भांजा-भांजी समेत 14 लोगों की हुई मौत



Masood Azhar sister killed




भारत ने पहलगाम हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से लिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में लश्कर जैश हिजबुल के 9 आतंकी ठिकानों को किया ध्वस्त कर दिया है। यही नहीं, इस हमले में मसूद अजहर के अड्डे को भी नेस्तनाबूद कर दिया गया है। इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं। जैश के आतंकी मसूद अजहर ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत कर खुद इस हमले की पुष्टि की। पीटीआई से बातचीत में मसूद अजहर ने कहा कि “बहावलपुर में भारतीय मिसाइल हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे (Masood Azhar’s Family Killed) गए। भारतीय मिसाइल हमलों में मारे गए लोगों में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख की बड़ी बहन और उसका पति, एक भतीजा और उसकी पत्नी भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक इस हमले में अजहर के एक करीबी सहयोगी और उसकी मां के अलावा उसके दो अन्य करीबी साथियों की भी मौत होने की पुष्टि हुई है। गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके के अंदर आतंकी ठिकानों पर हमला कर 100 से अधिक आतंकी मार गिराए हैं।

पीएम मोदी ने मासूम बच्चों, पर्दानशीं महिलाओं और बुजुर्गों को बनाया (Masood Azhar’s Family Killed) निशाना 


परिवार के 10 लोगों की मौत पर मसूद अजहर ने कहा कि “अल्लाह ताला फरमाते हैं, शहीद जिंदा हैं। अल्लाह ताला उनका मेजबान है और वो अल्लाह ताला के प्यारे मेहमान हैं। मेरे परिवार के दस सदस्यों को आज रात एक साथ ये खुशी नसीब हुई। पांच मासूम बच्चे, मेरी बड़ी बहन और उनके पति, भांजा और उसकी पत्नी, भांजी और 4 करीबी साथी अल्लाह को प्यारे (Masood Azhar’s Family Killed) हो गए।” गमज़दा मसूद ने कहा कि “पीएम मोदी ने मासूम बच्चों, पर्दानशीं महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाया। सदमा इतना है कि बयान नहीं किया जा सकता लेकिन कोई अफसोस, निराशा, डर या खौफ नहीं है बल्कि बार-बार दिल में आता है कि काश मैं भी चौदह सदस्यों के इस खुशकिस्मत कारवां में शामिल हो जाता। लेकिन अल्लाह ताला से मिलने का वक्त बहुत पक्का है। वो आगे-पीछे नहीं हो सकता। हमारे एक घर में कुल चार बच्चे थे। सात से तीन साल की उम्र तक। चारों एक साथ स्वर्ग सिधार गए। उनके माता-पिता अकेले रह गए, लेकिन पहली सदियों जैसी यह खुशी सिर्फ़ उन्हीं को नसीब होती है, जिन्हें अल्लाह ताला प्यार करता है।”

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